दिवाली पर दिल्ली और एनसीआर में सुबह से ही वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है, जो रात होने के साथ पटाखों के धुएं से और बिगड़ता चला गया. मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान (सफर) के मुताबिक, दिवाली की रात 12 बजे दिल्ली का AQI 323 दर्ज किया गया. वहीं, यूपी के नोएडा का इससे भी बुरा हाल है, यहां AQI 342 दर्ज किया गया. वहीं सबसे ज्यादा खराब स्थिति दिल्ली यूनिवर्सिटी क्षेत्र की है, यहां एक्यूआई 365 तक पहुंच गया. जो बेहद खराब श्रेणी में आता है.
दरअसल राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे चलाने पर लगी पाबंदी का उल्लंघन करते हुए दिल्लीवासियों ने दिवाली की रात न सिर्फ आतिशबाज़ी की, बल्कि तेज़ आवाज़ वाले पटाखे फोड़े. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पिछले हफ्ते कहा था कि दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर छह महीने तक की जेल की सजा और 200 रुपये का जुर्माना लग सकता है. वहीं रात के परवान चढ़ने के साथ ही पटाखों की आवाज़ तेज़ होती गई और इसने अनुमति प्राप्त डेसिबल सीमा का भी उल्लंघन किया गया.
दिल्ली के कई इलाकों में आतिशबाजी
लोगों को पटाखे चलाने से रोकने के लिए नियम बनाए जाने के बावजूद शाम होते ही दक्षिण से लेकर उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिम दिल्ली समेत शहर के विभिन्न इलाकों में लोगों ने आतिशबाज़ी शुरू कर दी. देश भर में दिवाली का त्योहार सोमवार को मनाया गया. इस दिन पटाखे फोड़ना पुरानी परंपरा है, लेकिन शहर के अधिकारियों ने कहा कि आतिशबाज़ी पर पाबंदी लगाने का फैसला पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं की वजह से लिया गया है.
वायु गुणवत्ता बेहद खराब
वहीं पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं और वायु प्रदूषण बढ़ाने में मददगार अनुकूल मौसमी दशाओं के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता के सोमवार को बहुत खराब श्रेणी में चली गई. विशेषज्ञों ने इस बात की आशंका जताई थी कि अगर इस साल फिर से ज्यादा पटाखे फोड़े गए तो वायु गुणवत्ता और खराब हो सकती है.
पटाखे जलाने से बिगड़े हालात
वायु गुणवत्ता प्रणाली और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान (सफर) ने पहले पूर्वानुमान जताया था कि अगर पिछले बरस की तरह ही इस बार भी पटाखे फोड़े जाते हैं, तो दिवाली की रात को हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर पर पहुंच सकती है तथा एक और दिन रेड ज़ोन में रह सकती है.
रात नौ बजे के बाद बढ़ी पटाखों की आवाज
बहरहाल, प्रतिबंध के बावजूद शाम छह बजे से ही शहर के विभिन्न इलाकों में लोगों ने आतिशबाजी शुरू कर दी. दक्षिण दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश, नेहरू, प्लेस, मूलचंद समेत अन्य इलाकों में शाम से ही पटाखों की आवाज सुनी गई. बुराड़ी में रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा, वे शिक्षित लोग हैं फिर भी ऐसा कर रहे हैं. बच्चे इससे क्या सीखेंगे. पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मयूर विहार, शाहदरा, यमुना विहार समेत कई इलाकों में यही स्थिति रही. कुछ निवासियों ने कहा कि इस बार पटाखों की आवाज पिछले साल से कम थी, लेकिन रात नौ बजे के बाद पटाखों की आवाज बढ़ गई. दक्षिण पश्चिम दिल्ली की मुनिरका में कथित रूप से तेज आवाज वाले पटाखे फोड़े गए हैं.
पर्यावरण के प्रति गैर-जिम्मेदार
बिपाशा घोष (19) कुछ दिन पहले कोलकाता से दक्षिणी दिल्ली के कैलाश हिल्स इलाके में आई थीं. उन्होंने कहा कि मेरे क्षेत्र में, यह रात 11 बजे के बाद शुरू हो गया. मुझे आश्चर्य है कि क्या दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध है. साथ ही, ऐसा करने वाले पर्यावरण के प्रति गैर-जिम्मेदार और असंवेदनशील हैं. साथ में उनके लिए भी असंवेदनशील हैं, जिन्हें सांस संबंधी समस्या और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं.
आंखों में जलन होने की शिकायत
कई लोगों ने पटाखों के धुएं के कारण आंखों में जलन होने की शिकायत की. दक्षिण दिल्ली में रहने वाली छात्रा ऋतु नंदन ने कहा कि मैं कल बाहर नहीं निकलूंगी. मुझे पता है कि हवा की गुणवत्ता क्या रहेगी. वहीं, दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर पाबंदी के क्रियान्वयन के लिए 408 दल गठित किए गये थे. दिल्ली पुलिस ने सहायक पुलिस आयुक्तों के नेतृत्व में 210 दल गठित किए थे. वहीं, राजस्व विभाग ने 165 दल और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 33 दल गठित किए