यूपी : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सभी दलों की तरफ से तैयारी जारी है। बसपा की तरफ से ‘प्रबुद्ध सम्मेलन’ का आयोजन किया जा रहा है। लखनऊ में आज उसका समापन हो रहा है। इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी हिस्सा लिया, कार्यक्रम में ‘हर-हर महादेव’ के नारे और मंत्रोच्चार का दौर भी चला।
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि दलित वर्ग के लोगों पर शुरू से गर्व रहा है कि उन्होंने बिना गुमराह और बहकावे में आए कठिन से कठिन दौर में भी पार्टी का साथ नहीं छोड़ा। ये लोग मज़बूत चट्टान की तरह पार्टी के साथ खड़े रहे हैं। उम्मीद है कि BSP से जुड़े अन्य सभी वर्गों के लोग इनकी तरह आगे कभी गुमराह नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि ब्राम्हण समाज के लोग भी कहने लगे हैं कि, हमने BJP के प्रलोभन भरे वादों के बहकावे में आकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर बहुत बड़ी गलती की है। BSP की रही सरकार ने ब्राम्हण समाज के लोगों के सुरक्षा, सम्मान, तरक्की के मामले में हर स्तर पर अनेको ऐतिहासिक कार्य किए हैं।
मायावती ने कहा कि बीजेपी ने किसानों का वोट लेते हुए वादा किया था कि आमदनी दो गुना बढ़ा दी जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि बीएसपी की सरकार बनी तो तीन नए कृषि कानून लागू नहीं होने देंगे।
मायावती ने कहा कि मैं कोरोना काल में जानबूझकर लखनऊ से नहीं निकली, क्योंकि ऐसा करने पर कार्यकर्ताओं पर कोरोना नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज हो जाता। मायावती ने कहा कि मैं मोहन भागवत से पूछना चाहती हूं कि आरएसएस-बीजेपी मुसलमानों के साथ सौतेला रवैया क्यो अपनाती है?
मायावती ने कहा कि हर स्तर पर ब्राह्मण समाज का शोषण होता है। बीएसपी से जुड़े लोग गुमराह नहीं होंगे। ब्राह्मण समाज भी किसी के बहकावे में न आए, हम उनको निराश नहीं होने देंगे। सपा और बीजेपी की सोच ही पूंजीवादी है। बसपा की कथनी और करनी में अंतर नहीं है।