आंध्र प्रदेश के तिरुपति में एक दिल को झकझोरने वाली घटना सामने आई है। एक पिता को अपने मृत बेटे को अंतिम संस्कार के लिए घर लेकर जाना था। लेकिन उसे न तो सरकारी एंबुलेंस मिल सकी और न ही उसके पास इतना पैसा था जो वो निजी एंबुलेंस को हायर कर सके। हालात का मारा पिता अपने बेटे को बाइक पर लेकर गया और वो भी 90 किमी की दूरी तक।
आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने घटना को लेकर ट्वीट किया है कि जेसावा की मौत पर वो हतप्रभ हैं। लेकिन उससे भी ज्यादा उनका मन इस बात के लिए परेशान है कि बेटे की लाश को पिता बाइक पर 90 किमी तक ढोता रहा। सरकारी तंत्र की बेचारगी का इससे बड़ा नमूना और कोई नहीं हो सकता। जेसावा की मौत तिरुपति के RUIA अस्पताल में हुई थी। तेलगूदेशम पार्टी के मुखिया नायडू का कहना है कि सीएम जगन रेड्डी को सोचना चाहिए कि हेल्थकेयर का क्या हाल है?
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 17 साल के लड़के की मौत की जांच के तरीके पर नाखुशी जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसकी मां की शिकायत पर मामले की जांच आईजी को सौंप दी है। जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने कहा कि आईओ की जांच को निष्पक्ष नहीं कहा जा सकता। ध्यान रहे कि कोरोना प्रोटोकाल की उल्लंघना के लिए लड़के के साथ पुलिस हिरासत में मारपीट का आरोप है।
शीर्ष अदालत ने कहा कि दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद प्रथम दृष्टया यह माना जाता है कि याचिकाकर्ता की शिकायत इस अदालत में विचार करने लायक है। बेंच ने कहा कि हमारे मामले को फिर से जांच के लिए सीबीआई के पास भेजने का विकल्प है। लेकिन दोनों पक्षों के वकील को सुनने के बाद कोर्ट को लगता है कि आईजी को जांच का जिम्मा दिया जाए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस अदालत को आठ सप्ताह की अवधि के भीतर रिपोर्ट पेश की जाए। मामले को अगली सुनवाई के लिये 19 जुलाई को सूचीबद्ध किया गया है।