श्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बोगतुई गांव में हुए नरसंहार की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो की फोरेंसिक टीम गांव पहुंच कर सबूत खंगाल रही है और पूरे मामले की पड़ताल शुरू की है. बीरभूम हिंसा मामले की जांच के लिए डीआईजी अखिलेश सिंह के नेतृत्व में सीबीआई (CBI) टीम सीएफएसएल (CFSL) टीम के साथ रामपुरहाट इलाके के बोगतुई गांव (Bogtui village) शनिवार सुबह पहुंची है. सीबीआई के अधिकारियों की टीम जले हुए खून और मांस की दुर्गंध के बीच घटना स्थल का दौरा किया और उसके बाद रामपुरहाट थाना पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से पूरी घटना की जानकारी ली. इस मामले में हर पहलु की जानकारी हासिल करने की कोशिश सीबीआई की टीम कर रही है.
शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो की टीम के सदस्यों ने इस मामले की जांच के लिए गठित सीट के अफसरों से कागजात ले लिए हैं. इसके साथ ही सीबीआई ने इस मामले में 21 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149 और अन्य सेक्शन के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. इनके खिलाफ सशस्त्र दंगे करने के आरोप लगाये गये हैं.
सीबीआई के25 अधिकारियों की टीम ने नरसंहार की शुरू की जांच
सीबीआई ने बोगतुई ‘नरसंहार’ की जांच शुरू कर दी है. 25 सीबीआई अधिकारियों की टीम शनिवार को रामपुरहाट पहुंची. उन्होंने सबसे पहले पुलिस अधीक्षक से केस डायरी एकत्र की. इसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे. अधिकारियों ने उस घर का दौरा किया, जहां सोना शेख को कथित तौर पर आग लगा दी गई थी और नरसंहार को अंजाम दिया गया था. लगभग डेढ़ घंटे से अधिक समय तक सीबीआई अधिकारी और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के विशेषज्ञ सोना शेख के घर से नमूने एकत्र कर रहे हैं. अधिकारियों ने अलग-अलग जगहों से सैंपल लिए. अधिकारियों ने घर में उन सभी जगहों की तलाशी ली, जहां सैंपल मिलने की संभावना थी.
सीबीआई अधिकारियों ने जगह-जगह से सैंपल किया इकट्ठा
खुफिया अधिकारियों ने उन सभी जगहों पर जहां उंगलियों के निशान थे, यूवी ब्लू लाइट देकर नमूने एकत्र किए. वहीं, सीएफएसएल के सीरोलॉजी विशेषज्ञों ने उन सभी कमरों से नमूने एकत्र किए जहां जले हुए खून, जले हुए मांस और शरीर के अंग पाए गए थे. अधिकारी साथ में डेटाबेस भी रख रहे हैं. वे उन जगहों पर नोट ले रहे हैं जहां से वे नमूने एकत्र कर रहे हैं या वे क्या देख रहे हैं, क्योंकि सीबीआई इसी जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार करेगी. दूसरी ओर, CFSL ने भी कई सैंपल फ्रंट कवर पैकेट में रखे हैं. नमूने का परीक्षण दिल्ली में सीएफएसएल की प्रयोगशाला में किया जाएगा.
सीबीआई इन सवालों का कर रही जवाब तलाश-
1. इस क्रूर घटना के दौरान पुलिस की क्या भूमिका थी?
2. क्या अनारुल हुसैन इस मामले का मूल आरोपी है ? या उसे किसी और का संरक्षण प्राप्त था?
3. इस ‘नरसंहार’ की साजिश कैसे रची गई?
4. पहले हमला बोला गया, फिर आग लगाई गई? या बंद कमरे में पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई?
5. इस घटना में बीरभूम के टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की क्या भूमिका है?
6. किसने साजिश रची थी ? किसने घटना को अंजाम दिया था?
7. हत्या का मकसद क्या? कोई आर्थिक लेनदेन का मामला है? बालू खनन माफिया, टोल वसूली या तोलाबाजी?
8 बदले की राजनीति या प्रतिहिंसा की राजनीति?