दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को बरी कर बड़ी राहत दी है। एयर होस्टेस गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा और उनकी सहयोगी अरुणा चड्ढा पर मामला दर्ज था। गोपाल गोयल कांडा इस मामले में मुख्य आरोपी थे।
एयर होस्टेस गीतिका शर्मा के परिवार ने आरोप लगाए थे कि 5 अगस्त, 2012 को उनकी बेटी ने दिल्ली के अशोक विहार स्थित अपने ही फ्लैट में सुसाइड कर लिया था, क्योंकि पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने गीतिका को काफी परेशान किया था।
विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने मामले में सह-आरोपी अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया और कहा कि अभियोजन पक्ष सभी उचित संदेह से परे आरोपों को साबित करने में विफल रहा है। गीतिका शर्मा गोपाल कांडा की एमएलडीआर एयरलाइंस की पूर्व एयर होस्टेस थी जिन्हें बाद में उनकी एक कंपनी के निदेशक के रूप में प्रमोट भी किया गया था। 5 अगस्त 2012 को दिल्ली में उनके आवास पर मृत पाई गई थीं। 4 अगस्त के अपने सुसाइड नोट में गीतिका शर्मा ने 46 वर्षीय गोपाल कांडा और एक अन्य व्यक्ति पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
कोर्ट के फैसले के बाद गोपाल कांडा ने कहा, ”मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं था, यह मामला मेरे खिलाफ बनाया गया था और आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।”
किन धाराओं के तहत दर्ज था मामला?
आरोपियों पर 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 506 (आपराधिक धमकी), 201 (सबूत नष्ट करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 466 (जालसाजी) सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे। ट्रायल कोर्ट ने कांडा के खिलाफ बलात्कार (376) और 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के आरोप भी तय किए थे। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने बाद में आईपीसी की धारा 376 और 377 के तहत आरोपों को खारिज कर दिया।
सुसाइड नोट में क्या था?
एयर होस्टेस गीतिका शर्मा ने सुसाइड से पहले एक नोट लिखा था जिसमें गोपाल कांडा पर उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे। गीतिका ने सुसाइड नोट में लिखा था, “आज मैं अपने आप को खत्म कर रही हूं, क्यों कि मैं अंदर से टूट गई हूं. मेरे विश्वास टूट गया है और मेरे साथ धोखा किया गया. मेरी मौत के लिए दो लोग गोपाल कांडा और अरुणा अरुणा चड्ढा जिम्मेदार हैं. दोनों ने मेरे विश्वास को तोड़ा और अपने अपने फायदे के लिए मुझे इस्तेमाल किया।”