सरकार ने की कुकी, मैतेई नेताओं से बातचीत, मणिपुर में शांति स्थापित करने की कोशिशें लगातार जारी

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पिछले तीन महीने से हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में जारी गतिरोध को कम करने के लिए केंद्र ने बुधवार को मणिपुर के कुकी समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। इसके साथ ही केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले एक IB अधिकारी की मैतेई नागरिक समाज संगठन के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत हुई।

सूत्रों ने कहा कि पूर्वोत्तर के लिए केंद्र के प्रभारी, इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व अतिरिक्त निदेशक अक्षय मिश्रा ने सरकार के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (SoO) समझौते के तहत कुकी आतंकवादी समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले एक आईबी अधिकारी के साथ मणिपुर इंटीग्रिटी के लिए समन्वय समिति (COCOMI) के प्रतिनिधियों के साथ एक अलग दौर की बातचीत भी हुई। COCOMI एक मैतेई नागरिक समाज संगठन है।

मणिपुर में चल रही हिंसा को खत्म करने की कोशिश

जबकि SoO समूहों के साथ बातचीत पिछले कई महीनों से चल रही है और मई में राज्य में अशांति फैलने से पहले कुकी शांति समझौते को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया था। हालांकि, मणिपुर में हिंसा की शुरुआत के बाद कई दौर की बातचीत हुई है। सूत्रों ने कहा कि मई में हुई हिंसा से पहले की बातचीत आदिवासी मुद्दे का राजनीतिक समाधान खोजने पर केंद्रित थी, लेकिन इस दौर की बातचीत काफी हद तक राज्य में चल रही हिंसा को खत्म करने के तरीके खोजने पर केंद्रित है।

वहीं, COCOMI ने मंगलवार को एक बयान जारी किया था कि सरकार को SoO समूहों से बात नहीं करनी चाहिए क्योंकि वे राज्य में जारी हिंसा के लिए ज़िम्मेदार हैं। सूत्रों ने कहा कि यह राजनीतिक बातचीत करने का सही समय नहीं है। फिलहाल ध्यान इस बात पर है कि राज्य में हिंसा को अगर तुरंत नहीं तो धीरे-धीरे कम किया जाए। हितधारकों के साथ अलग-अलग तरीकों पर चर्चा की जा रही है। एक अलग प्रशासन की कुकी की मांग पर फिलहाल चर्चा नहीं की जा रही है।

मणिपुर में सुरक्षा से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि इन बातों का कुछ असर हुआ है। पिछले कुछ दिनों में हिंसा का स्तर थोड़ा कम हुआ है, हालांकि सीमांत इलाकों में लगभग हर दिन गोलीबारी और आगजनी की छिटपुट घटनाएं सामने आ रही हैं।

सीएम एन बीरेन सिंह के संपर्क में गृह मंत्रालय

गृह मंत्रालय मैतेई पक्ष पर समाधान खोजने के लिए मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह के साथ भी लगातार संपर्क में है। सूत्रों ने कहा कि यह मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के कारण ही था कि घाटी के सीमांत क्षेत्रों में बंकरों को नष्ट करने के सुरक्षा बलों के अभियान को मैतेई लोगों के बहुत अधिक प्रतिरोध का सामना नहीं करना पड़ा। इस कदम का COCOMI ने भी समर्थन किया था। हालांकि, कुकी समूहों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया था। उनका कहना था कि वे भीड़ के खिलाफ अपनी रक्षा नहीं कर पाएंगे।

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