नोएडा प्राधिकरण और गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने यमुना नदी के तल पर बने अवैध फार्महाउसों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है। ये फॉर्महाउस हाल ही में बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। यह कदम नोएडा प्राधिकरण और गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन को यह एहसास होने के बाद आया है कि सभी फार्महाउस मुख्य नदी क्षेत्र पर बने हुए हैं। फार्महाउस मालिकों ने दावा किया था कि बाढ़ का पानी उन्हें कभी नहीं छूएगा, चाहे जल स्तर कितना भी ऊपर क्यों न बढ़ जाए।
बाढ़ का पानी फार्महाउसों तक पहुंचा
पिछले सप्ताह तक जब बाढ़ का पानी फार्महाउसों तक पहुंच गया था, कम से कम 700 मालिक अपने फार्महाउसों में स्थायी रूप से रह रहे थे। 2019 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा किए गए एक पुराने सर्वेक्षण के अनुसार, बाढ़ वाली जगहों पर स्विमिंग पूल, बैंक्वेट हॉल और अन्य लक्जरी सुविधाओं वाले कम से कम 2,000 शानदार फार्महाउस हैं। गौतमबुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि हम ड्रोन से बाढ़ वाले मैदानी क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रहे हैं क्योंकि राजस्व विभाग की टीमें इस क्षेत्र में नहीं पहुंच सकीं क्योंकि वहां बहुत अधिक पानी था। एक बार सर्वेक्षण पूरा हो जाने के बाद हम नोएडा प्राधिकरण के सहयोग से तोड़फोड़ शुरू करेंगे।
ये फार्म हाउस अवैध रूप से बनाए गए हैं और सेक्टर 128, 129, 130, 131, 135, 151 और 152 सहित अन्य में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करते हैं। प्राधिकरण ने इन फार्महाउसों को कई बार नोटिस जारी कर इन कंक्रीट संरचनाओं को हटाने या विध्वंस का सामना करने की चेतावनी दी है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं की बार-बार शिकायतों और वर्षों से विध्वंस नोटिस के बावजूद इन फार्महाउसों के मालिकों ने अवैध निर्माणों को नहीं हटाया है।
वर्मा ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सभी फार्महाउसों को ध्वस्त करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का स्थायी आदेश जारी किया है। एनजीटी में नियमों का उल्लंघन करने वाले फार्महाउसों को ध्वस्त करने की मांग वाले कई मामले चल रहे हैं। छले छह महीनों में प्राधिकरण ने 50 फार्महाउसों को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया है और एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर सभी को चेतावनी दी है कि वे फार्महाउस प्लॉट न बनाएं या न खरीदें क्योंकि यह अवैध है।