दिल्ली विधानसभा में कैलाश गहलोत ने पेश किया बजट, शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर

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दिल्ली विधानसभा में बुधवार को गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित 2023-24 का बजट पेश किया गया है। वित्त मंत्री कैलाश गहलोत द्वारा दिल्ली विधानसभा में बजट पेश किया गया। विधानसभा के पटल पर बजट पेश करते हुए गहलोत ने कहा कि अगर मनीष सिसोदिया बजट पेश करते तो उन्‍हें खुशी होती। गहलोत ने अपने बजट भाषण में आम आदमी पार्टी के गवर्नेंस मॉडल की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि जनता के सपनों को पूरा करना, उन्‍हें मुफ्त बिजली-पानी और बढ़‍िया शिक्षा देना ही दिल्‍ली मॉडल का मतलब है।

गहलोतल ने बजट में शिक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 8 सालों में दिल्‍ली सरकार ने ऐतिहासिक बुनियादी ढांचागत विकास की कई परियोजनाओं को पूरा किया है। सिग्‍नेचर ब्रिज, सराय काले खां और INA को जोड़ने वाले बारापुला फ्लाईओवर का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा किइससे दिल्‍ली का चेहरा बदल गया है।

इससे पहले बजट मंगलवार सुबह पेश होने वाला था, लेकिन सोमवार रात सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि गृह मंत्रालय ने इस पर ब्रेक लगा दिया है। सीएम केजरीवाल और एलजी वीके सक्सेना दोनों ने एक-दूसरे पर बजट रोकने का आरोप लगाया था।

बजट पेश करने से रोकने पर भड़के सीएम और वित्त मंत्री

बजट पेश किए जाने को लेकर कुछ स्पष्टता मंगलवार को सामने आई। सीएम अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि इसे बुधवार सुबह पेश किया जाएगा। मंगलवार को स्थगन के बाद कैलाश गहलोत ने आरोप लगाया था कि पहली बार एक निर्वाचित सरकार को बजट पेश करने से रोकने के लिए कहा गया था। उन्होंने विधानसभा में कहा, “मुझे लगता है कि इससे बड़ा अन्याय और असंवैधानिक कृत्य कोई नहीं हो सकता है।”

कैलाश गहलोत ने विधानसभा में बताई पूरी प्रक्रिया

गहलोत ने कहा, “बजट फ़ाइल 10 मार्च को अनुमोदन के लिए गृह मंत्रालय को भेजी गई थी। सोमवार को दोपहर 2 बजे के आसपास, मुझे पता चला कि मंत्रालय ने आपत्ति जताई है। सवाल क्या है, यह जानने के लिए मैंने मुख्य सचिव और वित्त सचिव से बात की। शाम छह बजे के करीब मुझे फाइल मिली। मैंने जवाब सूचीबद्ध किए और सीएम केजरीवाल से बात की। फाइल एलजी सक्सेना को रात 9 बजे भेजी गई और रात 10.30 बजे वापस आ गई।”

वित्त मंत्री ने कहा- 21 मार्च की दोपहर तक नहीं मिली जानकारी

वित्त मंत्री गहलोत ने सदन को बताया कि फाइल रात में वित्त सचिव के घर भेजी गई थी। जब मैंने सुबह उनसे बात की, तो उन्होंने मुझे बताया कि जवाब गृह मंत्रालय को ईमेल के साथ-साथ भौतिक रूप से भेजा गया था। गहलोत ने कुछ दस्तावेजों का हवाला देते हुए आरोप लगाया, “गृह मंत्रालय ने यह पत्र 17 मार्च को शाम 5.30 बजे लिखा था और वित्त मंत्री को 21 मार्च की दोपहर 2 बजे तक इस तरह के किसी भी घटनाक्रम के बारे में सूचित नहीं किया गया था … मुझे लगता है कि पूरे मामले और मुख्य सचिव और वित्त सचिव की जांच होनी चाहिए।”

दिल्ली विधानसभा में अधिकारियों की जांच को लेकर प्रस्ताव पास

आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने मामले को लेकर सदन में प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पारित करते हुए विधानसभा ने देरी पर सीएस, एफएस और अन्य की भूमिका की जांच करने के लिए मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया। वहीं दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि नियमों के अनुसार गृह मंत्रालय को बजट को मंजूरी देने से पहले आपत्तियां और सवाल उठाने का अधिकार है।

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