दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक में बीते दिनों क्लास रूम में हिजाब को लेकर बड़ा विवाद हुआ था। मुस्लिम छात्राओं की मांग वाला यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। अब इस विवाद के बाद राज्य में एक और विवाद शुरू हो गया है। दरअसल कर्नाटक की बासव राज बोम्मई सरकार ने सरकारी स्कूलों के क्लास रूम को भगवा रंग से रंगने की योजना बनाई है। इस योजना पर विपक्षी दलों ने राज्य सरकार हिदुत्ववादी एजेंडे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
दरअसल कर्नाटक सरकार ने ‘विवेका’ योजना के तहत राज्य भर में 10,000 कक्षाओं को भगवा रंग में रंगने का फैसला किया है। बोम्मई सरकार के इस फैसले को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक में भाजपा सरकार द्वारा स्वामी विवेकानंद के नाम पर ‘विवेक योजना’ के तहत 8,100 कक्षाओं को भगवा रंग में रंगने के फैसले पर विवाद खड़ा हो गया है।
कांग्रेस की आपत्ति पर सीएम बोले- हर में राजनीति सही नहीं
इधर विपक्षी कांग्रेस पार्टी की आपत्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज में भगवा रंग मौजूद है। स्वामी विवेकानंद के नाम पर कक्षाएं बनाई जा रही हैं। वे संत थे और भगवा रंग में लिपटे हुए थे। ‘विवेक’ का अर्थ है ज्ञान, उन्हें (कांग्रेस को) रहने दो। उन्होंने आगे कहा कि हर चीज के बारे में राजनीति करना सही नहीं है।
स्कूली बच्चों के लिए मेडिटेशन को किया गया अनिवार्य
मुख्यमंत्री बोम्मई ने कलबुर्गी में ‘विवेक योजना’ के तहत निर्मित स्कूल भवनों का शिलान्यास किया था। राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा पर पहल के माध्यम से अपने हिंदुत्व के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाने के बाद यह विवाद खड़ा हो गया। स्कूली बच्चों के लिए मेडिटेशन अनिवार्य कर दिया गया।
मेडिटेशन अनिवार्यता दिसंबर में लागू हो जाएगा और राज्य का शिक्षा विभाग इस संबंध में विशेषज्ञों से सुझाव ले रहा है। कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने कहा कि प्रतिदिन 10 मिनट ध्यान करने से छात्रों में ध्यान, एकाग्रता, स्वास्थ्य, अच्छी सोच और चरित्र में वृद्धि होगी।