बिहार में नीतीश कुमार और तेजस्वी के बीच क्या सबकुछ सही नहीं चल रहा है? यह सवाल इसलिए सामने आ रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के एक करीबी मंत्री के फैसले को पलट दिया है। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में जून के महीने में 480 अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की गई थी। यह मंत्रालय तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले आलोक मेहता के पास है। इस फैसले से आजेडी के कुछ नेता नाराज भी बताए जा रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
जून महीने में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में अलग-अलग पदों पर तैनात 480 अधिकारियों का तबादला किया गया था। इसमें 30 अधिकारी ऐसे थे जिन्हें उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया था। जिन अधिकारियों का तबादला हुआ उनमें भी सबसे अधिक संख्या सर्कल ऑफिसर यानी CO की तादाद थी। ऐसे अधिकारियों की संख्या 395 थी।
नियमों की हुई थी अनदेखी?
चर्चा है इन अधिकारियों के ट्रांसफर में नियमों की इनदेखी की गई थी। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक भी पहुंची थी। ट्रांसफर से जुड़ी 4 अधिसूचनाएं जारी की गई थी। इन सभी को रद्द कर दिया गया है। बता दें कि बिहार में तबादलों को लेकर नियम तय किए गए हैं। इसके अनुसार जून महीने में मंत्री अपने विभाग के पदाधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कर सकते हैं। जून में ट्रांसफर ना होने पर दूसरे महीनों में सिर्फ मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद ही तबादले हो सकते हैं।
बिहार में नियम तय के अगर विशेष परिस्थिति ना हो तो किसी भी अधिकारी का तबादला तीन साल से पहले ना किया जाए। हालांकि हाल में किए गए 70 फीसदी मामले ऐसे पाए गए जिसमें इन नियमों का पालन नहीं किया गया। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए जिनमें एक साल से पहले ही ट्रांसफर कर दिया गया। इन तबादलों को लेकर कई सवाल भी सामने आए थे।