पटना के बीजेपी दफ्तर के सामने अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे वार्ड सचिवों (Ward secretaries protest) और पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई. जिसके बाद पुलिस ने उनपर जमकर लाठियां भांजी. पुलिस ने भीड़ हटाने के लिए लाठीचार्ज किया है, आंसू गैस के गोले छोड़े साथ ही उनपर पानी की बौछार की है. वहीं आंदोलनकारियों ने भी पुलिस वाहन पर पथराव किया है.
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बाद पूरा इलाका रणक्षेत्र में बदल गया. पुलिस ने महिला-बच्चों तक को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा है. वहीं प्रदर्शनकारियों ने भी उत्पात खूब मचाया है. उनकी झड़प में कई पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई है. कई गाड़ियों के शीशे फूट गए हैं. ASI उमाकांत प्रसाद को भीड़ ने घेर लिया और उन्हें बहुत बुरी तरह से पीटा है, बचाव के लिए ASI को पिस्टल निकलना पड़ा. फिर बैकअप में पुलिस आई तो उनकी जान बची.
सरकार के खिलाफ कर रहे थे नारेबाजी
बताया जा रहा है कि बिहार के अलग-अलग जिलों से बड़ी संख्या में आए वार्ड सचिव बीजेपी दफ्तर के सामने बैठ गये और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इसके बाद बीजेपी कार्यालय के सामने बैठे वार्ड सचिवों को जब पुलिस ने वहां से हटाने की कोशिश की तो वे उग्र हो गये, और पथराव करने लगे. वार्ड सचिवों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ गयी. इस दौरान बीजेपी कार्यालय के बाहर अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी
13 दिनों से धरने पर बैठे थे वार्ड सचिव
दरअसल सोमवार सुबह – सुबह वार्ड सचिव अपनी मांगों को लेकर धरने के 14वें दिन गर्दनीबाग से BJP ऑफिस पहुंचे थे. यहां उन्होंने दफ्तर का घेराव किया और अपनी मांगो को लेकर वहीं धरने पर बैठ गए. इससे यहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई . संघ के सदस्यों की मांग थी कि सरकार की ओर से कोई उनसे मिले, इसके बाद ही वो यहां से जाएंगे. वार्ड सचिव को 7 निश्चय योजना के तहत ‘गली-नली और नल-जल योजना’ में नौकरी दी गई है.
दो साल में नहीं मिला कोई भुगतान
इस योजना में बिहार के 1,14,691 वार्ड सचिवों को काम पर रखा गया है. लेकिन लगातार काम करने के बाद भी उन्हें कोई भुगतान नहीं किया गया. इसको लेकर राज्य के 38 जिलों के वार्ड सचिव और कर्मचारी गर्दनीबाग के महिला थाना में 13 दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इधर 13 दिसंबर को बिहार सरकार द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया कि पुराने सभी वार्ड सचिव को हटाकर नए वार्ड सचिवों को नियुक्त किया जाय. इसके बाद ये अपनी मांगों को लेकर सोमवार को बीजेपी कार्यालय के सामने जमा हो गए और उसक बाद ये स्थिति हुई