सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने शनिवार को वैक्सीन की कीमतों को लेकर बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने निजी अस्पतालों के लिए कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत 600 रुपये की जगह 225 रुपये करने का फैसला किया है. उधर, भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने भी अपनी वैक्सीन की कीमत घटा दी है. कंपनी की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला (Suchitra Ella, Joint Managing Director) ने कहा कि हमने निजी अस्पतालों के लिए कोवैक्सिन (Covaxin) की कीमत 1200 रुपये की जगह 225 रुपये करने का फैसला किया है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने शनिवार को राज्यों से कहा कि प्रशासन एहतियाती खुराक कोविड-19 रोधी उसी टीके की देगा, जो उसने पहले दो खुराकों में इस्तेमाल किया था और इसके लिए निजी टीकाकरण केंद्र अधिकतम 150 रुपये का सेवा शुल्क (सर्विस चार्ज) ले सकते हैं. इससे पहले शुक्रवार को केंद्र ने घोषणा की थी कि कोविड-19 रोधी टीकों की एहतियाती खुराक 10 अप्रैल से निजी टीकाकरण केंद्रों पर 18 साल से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति के लिए उपलब्ध होगी. वहीं दूसरी खुराक लिए नौ महीने की अवधि पूरी करने वाले 18 साल से अधिक आयु के सभी लोग एहतियाती खुराक ले सकते हैं.
150 रुपये तक सेवा शुल्क ले सकते हैं निजी केंद्र
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यह बताया कि एहतियाती खुराक के लिए कोई नया पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि पहले ही सभी लाभार्थी साइट पर पंजीकृत हैं. भूषण ने कहा वे टीके की लागत से अधिक टीकाकरण के लिए सेवा शुल्क के रूप में प्रति खुराक अधिकतम 150 रुपये ले सकते हैं। एहतियाती खुराक के लिए उसी टीका का इस्तेमाल किया जाएगा, जो पहली और दूसरी खुराक के लिए इस्तेमाल किया गया था
भूषण ने कहा कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मी, अग्रिम मोर्चों के कर्मी और 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिक सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर निशुल्क टीकाकारण समेत अन्य टीकाकरण केंद्रों पर एहतियाती खुराक ले सकते हैं. इन राज्यों में एहतियाती कदम उठाने की सलाह केंद्र सरकार ने केरल, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और मिजोराम को कोविड-19 के बढ़ रहे मामलों को नियंत्रित करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में दी है.
केंद्र ने यह सलाह कोविड-19 के दैनिक मामलों में इनके अधिक मामलों के मद्देनजर दी है. भूषण ने कहा, यह आवश्यक है कि राज्य कड़ी नजर रखे और संक्रमण फैलता देख संवेदनशील क्षेत्रों में एहतियाती कदम उठाएं. जांच और निगरानी अब भी अहम है