भारत और चीन के बीच में सीमा विवाद अभी भी जारी है। गलवान घटना के बाद से शुरू हुआ तनाव कुछ कम जरूर हुआ है, लेकिन कई मुद्दों पर क्योंकि असहमति है, ऐसे में विवाद वहीं का वहीं खड़ा हुआ है। इस बीच शुक्रवार को भारत और चीन के बीच मेजर-जनरल स्तर की अहम बातचीत हुई है। इस बातचीत में पूर्वी लद्दाख के चुशुल और देपसांग इलाके को लेकर चल रहे गतिरोध पर चर्चा की गई।
भारत की तरफ से पक्ष रखने का काम मेजर जनरल पीके मिश्रा और मेजर जनरल हरिहरन ने किया। मुलाकात के बाद जो जारी बयान किया गया, उसमें सिर्फ इतना बताया गया कि बातचीत के जरिए ही मुद्दों को हल किया जाएगा। इसके अलावा ये भी साफ कहा गया है कि तनाव को कम करने के लिए राजनयिक चैनलों का लगातार इस्तेमाल होगा।
जानकारी के लिए बता दें कि देपसांग के पूर्वी किनाने पर इस समय चीन और भारतीय सैनिकों के बीच जबरदस्त गतिरोध चल रहा है। जब भी भारतीय सैनिक वहां पर गश्त लगाने जाते हैं, उन्हें चीनी सैनिकों द्वारा रोका जाता है। ऐसे में वहां मौजूद चीनी सैनिकों की मौजूदगी पर ही सारा बवाल है। अब कोशिश ये की जा रही है कि 22 से 24 अगस्त तक होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले ही इस विवाद को सुलझा लिया जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रिक्स में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात हो सकती है।
वैसे इससे पहले 13-14 अगस्त को भी भारत और चीन के बीच आधिकारिक बातचीत हो चुकी है। वो कनिष्ठ लेवल के अधिकारियों के बीच हुई थी। तभी तय कर लिया गया था कि 18 अगस्त को फिर मिला जाएगा। अब इस बातचीत के बाद जमीन पर स्थिति कितनी तेजी से बदलती है, इस पर सभी की नजर रहेगी। वैसे इस समय कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी लद्दाख दौरे पर चल रहे हैं। वे दो दिन के लिए आए हैं और उन्हें कई कार्यक्रम में हिस्सा लेना है।