पश्चिम बंगाल के झारग्राम में एक बार फिर हाथियों के तांडव से लोग सहमे हुए हैं। झारग्राम के एक शादी समारोह में हाथियों के झुंड ने बिन बुलाए मेहमानों की तरह अचानक दस्तक दी, उसके बाद जश्न के माहौल में भगदड़ मच गई। वहां मौजूद लोग इधर-उधर भागने लगे और हाथियों के झुंड ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि खाने की गंध पाकर हाथियों का ये झुंड वहां पहुंच गया। यह घटना झारग्राम के जोवलभांगा गांव में उस वक्त हुई जब तंबू में मेहमानों को खाना खिलाने की तैयारी चल रही थी। खाना परोसे जा रहे थे कि इतने में ही हाथियों ने अटैक कर दिया। दूल्हा-दुल्न को अपनी जान बचाने के लिए मोटर बाइक से भागना पड़ा।
हाथियों के डर से टाल दी गईं शादियां
भोजन और शराब की गंध पाकर हाथियों का झुंड गांवों और घरों में घुस आता है। हाथियों का कहर आए दिन बढ़ता ही जा रहा है, जिसे देखकर शादी समारोह में मेहमान भी आने से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में हाथियों के डर से कई शादियां टाल दी गई हैं। बता दें, झारग्राम के विभिन्न वन क्षेत्रों में 100 से अधिक हाथी घूम रहे हैं, जिससे जोवलभंगा, कुसुमग्राम, काजला, आदिशोल, झाओबनी और कोलाबनी जैसे क्षेत्रों में रह रहे लोगों के मन में डर पैदा हो गया है।
शादी समारोह में कैसे हुई हाथियों की एंट्री?
झारग्राम में वेल्डर के रूप में काम करने वाले तन्मय बताते हैं कि ‘मेहमानों के लिए खाने परोसे ही जा रहे थे, तभी हमने हाथियों की आवाज सुनी। हमें ये समझ आ गया था कि भोजन की गंध से हाथियों का झुंड वहां आ रहा है, जहां खाना बन रहा था उसी जगह हाथियों ने दस्तक दी। हमने मेहमानों से जगह खाली करने और सुरक्षित जहग जाने का अनुरोध किया। मेरे भतीजों ने मुझे और मेरी पत्नी को वहां से निकलने और बाइक पर घर जाने में मदद की।’
अलग-अलग इलाकों में हाथियों का कहर
वनकर्मियों के मुताबिक झारग्राम के जंगलों में करीब 100 से अधिक हाथियों के होने के आसार हैं, जो अलग-अलग इलाकों में छोटे-छोटे गुट बनाकर घूम रहे हैं। जब उन्हें भोजन और स्थानीय शराब की गंध मिलती है तो वे गांवों में घुस आते हैं। इसी वर्ष मार्च के महीने में इंदखरा गांव में जंगल के रास्ते साइकिल से घर लौट रहे शख्स पर हाथियों ने हमला कर दिया था। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी।