बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा और दिल्ली बीजेपी मीडिया हेड नवीन जिंदल के खिलाफ पैगंबर पर टिप्पणी के मामले में कार्रवाई की है। नूपुर शर्मा को जांच पूरी होने तक पार्टी की सदस्यता से सस्पेंड कर दिया गया है जबकि नवीन जिंदल को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया है। बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने राष्ट्रीय टीवी चैनल पर बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद पार्टी ने कार्यवाही की है। लेकिन दोनों नेताओं को पार्टी से निकालने के 5 महत्वपूर्ण कारण हैं। आइए जानते हैं वो 5 कारण
अरब देशों ने जताया विरोध
कुवैत, कतर और ईरान ने अपने देशों में भारत के राजदूतों को बुलाया और विरोध दर्ज कराया। साथ ही अरब देशों में सोशल मीडिया पर भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के लिए ट्रेंड भी चलाए गए। कतर ने बयान में कहा, “वह भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और इन टिप्पणियों की तत्काल निंदा की उम्मीद कर रहा है। इस तरह की इस्लामोफोबिक टिप्पणियों को बिना सजा के जारी रखने की अनुमति देना मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है। ये हिंसा और नफरत का एक चक्र पैदा करेगा।”
उपराष्ट्रपति के दौरे के दौरान विवाद
भारत के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू कतर के तीन दिवसीय दौरे पर हैं और अरब देशों के बीच व्यापार को लेकर ये दौरा काफी महत्वपूर्ण है। लेकिन उनके दौरे के बीच कतर द्वारा बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों का विरोध भारत को असहज स्तिथि में डाल रहा था, जिसके कारण बीजेपी को ये फैसला लेना पड़ा। उपराष्ट्रपति नायडू ने स्वीकार किया कि भारत की लगभग 40 प्रतिशत गैस आवश्यकताओं को कतर से पूरा किया जाता है और एक व्यापक ऊर्जा साझेदारी में खरीदार-विक्रेता संबंधों से आगे बढ़ने की आवश्यकता का आह्वान भी किया।
व्यापार पर पड़ रहा था असर
बीजेपी नेताओं की टिपण्णी के बाद अरब देशों में भारत के वस्तुओं के बॉयकाट की मांग हो रही थी। ऐसी खबरे भी आई कि कई स्टोर्स से भारतीय लोगों को नौकरी से निकाल भी दिया गया था। 2020-2021 में गल्फ देशों के साथ भारत के व्यापार का कुल मूल्य 87 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था, जिसमें लगभग 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर का कुल आयात शामिल था। 2020-2021 में कुल द्विपक्षीय व्यापार में उसके पहले के वर्ष की तुलना में लगभग 27 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। करीब 65 लाख भारतीय अरब देशों में रहते हैं और अपना जीवन यापन करते हैं।
बीजेपी के अभियान को लग रहा था झटका
विवाद ऐसे समय में भी आया है जब भाजपा “भाजपा को जानने के लिए” नामक अभियान के माध्यम से कई देशों तक पहुंच बना रही है। पार्टी और उसकी विचारधारा को समझने में मदद करने के लिए बीजेपी कई देशों के शीर्ष राजदूतों को अपने मुख्यालय बुला रही है। सूत्रों ने बताया कि गल्फ क्षेत्र के कुछ देशों के राजदूतों के साथ इस तरह की बैठकें हो चुकी हैं और आने वाले समय में कई और बैठकें होने की उम्मीद है। बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की टिप्पणी के बाद पार्टी के अभियान को नुकसान का अनुमान जताया गया था।
देश में हिंसा की घटनाएं हो सकती थीं
कानपुर में 3 जून को दो समुदायों में हिंसक झड़प हुई थी और पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं थी। जबकि उसी दिन देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कानपुर में थे। नूपुर शर्मा के बयान को लेकर मुस्लिम संगठनों ने बंद का ऐलान किया था और इसी दौरान हिंसा शुरू हो गई। देश में किसी अन्य जगह पर ऐसी घटना न हो, इसलिए भी पार्टी को ये फैसला लेना पड़ा।