बेंगलुरु में आज से विपक्षी दलों की बैठक शुरू होने जा रही है। इस बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी सहित दो दर्जन से ज्यादा दलों के शामिल होने की उम्मीद है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बेंगलुरु की इस बठक में यूपीए को नया नाम दिया जाएगा। कांग्रेस के नेतृत्व वाला यूपीए गठबंधन साल 2004 से साल 2014 तक केंद्र की सत्ता में था। कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) इसकी चेयरपर्सन थीं।
इस बैठक से पहले सोमवार को जब कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल से यूपीए के नए नाम (UPA New Name) और बैठक के मुद्दों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “हम सभी फैसले लेंगे। मैं अभी आपको नहीं बता सकता कि किन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस अकेले यह तय नहीं करेंगी। सभी विपक्षी दल बैठकर एकजुटता से यह तय करेंगे।”
सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, बेंगलुरु की इस मीटिंग में विपक्षी दल कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (Common Minimum Program) और स्टेट वाइज सीट शेयरिंग (State Wise Seat Sharing) पर चर्चा करेंगे। कहा जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और कम्युनिकेशन पॉइंट्स ड्रॉफ्ट करने के लिए एक सब-कमेटी का भी गठन किया जाएगा।
विपक्षी नेता करेंगे एक-दूसरे का प्रचार?
उन्होंने बताया कि विपक्षी दलों के संयुक्त प्रचार कार्यक्रम (Common Campaign Program) की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक सब-कमेटी के गठन की उम्मीद है। विपक्ष के इस प्रचार कार्यक्रम में रैलियां, सम्मेलन और आंदोलन शामिल हैं। कहा यह भी जा रहा है कि विपक्षी दल EVM से जुड़े मुद्दे पर भी बैठक में चर्चा करेंगी और फिर चुनाव आयोग को सुधार संबंधित सुझाव दिया जाएगा।
इसके अलावा प्रस्तावित गठबंधन के लिए एक कॉमन सेक्रेट्रिएट बनाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भाषण के साथ मीटिंग की शुरुआत हो सकती है। मीटिंग के बाद शाम 4 बजे एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी। बेंगलुरु की इस मीटिंग में विपक्षी दल अपने मतभेद दूर कर एक यूनाइटेड फ्रंट बनाने की कोशिश करेंगे।