लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी शहर में मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए योगी सरकार गंभीर नज़र आ रही है। सरकार ने इसके प्रमुख कारण को ही खत्म करने की योजना बना ली है। सूत्रो के अनुसार स्वस्थ्य विभाग द्वारा हर महीने 600 मादा मच्छरों को पकड़कर जांच करेगा। जिसके बाद उन्हें खत्म किया जाएगा। जिससे डेंगू और जीका वायरस पर नियंत्रण किया जा सके। हालांकि इतने सारे मच्छरों के लिए डाटा सेंटर, टेस्टिंग लैब, और टीम के लिए विचार किया जा रहा है।
150 क्षेत्रों में एंटी लार्वा, राजधानी में 12 इनसेक्ट कलेक्टरों ने पकड़े 385 मच्छर
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक राजधानी लखनऊ में चिन्हित सभी प्रमुख 150 से ज्यादा क्षेत्रों में एंटी लारवा का छिड़काव किया जा रहा है। जिससे मच्छरों के पनपने वाली जगहों पर ज्यादा फोकस किया गया है।
मच्छरों को पकड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग में 12 इंसेक्ट कलेक्टरों को तैनात किया गया है। इसमें से मलेरिया, डेंगू और अब जीका जैसे अलग-अलग बीमारियों के लिए एक इंसेक्ट कलेक्टर बनाया गया है। ये सभी सेलेक्टेड एरिया में जाकर मच्छरों को पकड़कर लाते हैं। अब तक पिछले 2 महीने में 385 मच्छरों को पकड़ा गया है। फिर उनकी टेस्टिंग के ज़रिए पता किया जाता है कि कौन सा मच्छर किस बीमारी के लिए ज़िम्मेदार है।
मादा मच्छरों पर ज्यादा फोकस, यही जिम्मेदार डेंगू और जीका के लिए
स्वस्थ्य विभाग के अनुसार अब तक पकड़े गए 385 मच्छरों में से 302 मादा मच्छर हैं। जो डेंगू और जीका बीमारियों को फैलाने के जिम्मेदार होती हैं। इन्हीं मादा मच्छरों को पकड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग में 12 इंसेक्ट कलेक्टरों को तैनात किया गया है। मलेरिया इंसेक्ट कलेक्टर के इंस्पेक्टर प्रशांत वर्मा के अनुसार ‘हम लोग मच्छरों को इसलिए पकड़ते हैं ताकि यह पता किया जा सके कि कौन से क्षेत्र में किस प्रकार के मच्छर पाए जाते हैं। इससे हमें किस एरिया को टार्गेट करके छिदकाव करना है ये क्लियर रहता है। हालांकि जीका वाले केस में स्थिति अलग है। क्योंकि ये मच्छर साफ पानी यानि ज़्यादातर घरों में ही पाए जाते हैं। ऐसे में लोगों को खुद ज्यादा चौकन्ना रहना होगा।
3 जीका के मरीज घरों में आइसोलेट
लखनऊ सीएमओ मनोज अग्रवाल ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि अब तक 3 मरीज हैं। जिन्हें होम आइसोलेट किया गया है। लखनऊ के आठ अस्पतालों में अलग से डेंगू वार्ड के साथ में ही जीका वार्ड बना दिया गया है। लखनऊ में 500 सर्विलेंस टीमें लगाई गई हैं। जिनका काम अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर डेंगू और जिका वायरस से संबंधित किसी भी प्रकार के सिमटम्स होने की जानकारियों को जुटाना है। उन लोगों को हॉस्पिटल आकर टेस्ट के लिए जागरूक करना है। मरीजों के लिए हेल्पलाइन 0522 4523000 किसी अन्य सूचना के लिए 8005192677 पर भी बात की जा सकती है।