दिल्ली हाईकोर्ट ने शराब जमाखोरी के मामले में आरोपी को बड़ी राहत दी। हाईकोर्ट ने एक घर से 107 लीटर बरामद हुई शराब के मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि घर में 162 लीटर शराब भी मिलती तो ये अपराध की श्रेणी में नहीं आता। कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में Excise act के तहत 25 साल की उम्र से अधिक के लोग अपने घर पर 9 लीटर शराब और 18 लीटर बीयर या बाइन रख सकते हैं। कोट के आदेश के अनुसार उनके ऊपर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
कोर्ट ने कहा, 162 लीटर तक भी रखता तो गुनाह नहीं
न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हालांकि प्राथमिकी में व्यक्ति के आवास से शराब की 132 बोतलों की बरामदगी बताई गई है। इनमें 51.8 लीटर व्हिस्की, वोदका, जिन, रम और 55.4 लीटर बियर और वाइन भी शामिल थी। उस घर 25 साल से ज्यादा उम्र के छह लोग रहते है।
आरोपी के दर्ज प्राथमिकता को रद्द करने का फैसला
कोर्ट के अनुसार ऐसे में पहली नजर में यह दिल्ली आबकारी कानून, 2009 का उल्लंघन नहीं है। कोर्ट दिल्ली निवासी अवजीत सलूजा के खिलाफ अवैध शराब के भंडारण के आरोप में दर्ज प्राथमिकता को रद्द करने का फैसला सुनाया। आरोपी को एक घर में छह लोग रहते है तो इतनी शराब घर पर रखना अपराध नहीं माना जा सकता है।
आबकारी विभाग ने घर से जब्त की थी 132 बोतल
बता दें कि दिल्ली आबकारी विभाग ने एक घर से शराब की 132 बोतल बरामद की थी। जिसमें दिल्ली निवासी अवजीत सलूजा के पास वैध शराब का लाइसेंस भी नहीं था। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए बताया कि 25 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति 9 लीटर देशी-विदेशी शराब, 18 लीटर बीयर रख सकता है। जबकि जिस घर से शराब की 132 बोतल बरामद हुई हैं वहां 25 वर्ष से अधिक आयु के 6 लोग रहते थे। जिनके पास से 51.8 लीटर व्हिस्की, रम, वोदका, जिन और 55.4 लीटर वाइन, बीयर, एल्कोपॉप बरामद हुई।