फिल्म ‘दि केरल स्टोरी’ पर समूचे देश में सियासी संग्राम के बीच सुप्रीम कोर्ट में इस पर रोक लगाने के लिए अर्जी दी गई है। मंगलवार (नौ मई, 2023) को टॉप कोर्ट इस मसले पर दी गई अर्जी को 15 मई को लिस्ट करने के लिए राजी हो गया, जो कि केरल हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ है। दरअसल, हाईकोर्ट के उस आदेश में फिल्म पर स्टे लगाने से साफ इन्कार कर दिया गया था। बहरहाल, ताजा मामले पर सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा है कि इस मामले पर जल्द सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ के सामने जिक्र कर दिया गया है।
चूंकि, फिल्म पर आरोप-प्रत्यारोप के दौर के बीच कहीं इसे न दिखाने पर जोर दिया गया तो किसी जगह सभी को देखने के लिए अपील की गई। कुछ सूबों में इसे टैक्स फ्री कर दिया गया, जबकि कुछ जगह बैन के साथ दिखाने पर आपत्ति जताई गई। मंगलवार को बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में इसे टैक्स फ्री कर दिया गया। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस फिल्म को 12 मई, 2023 को देखेंगे। सीएम अपने मंत्रिमंडल के साथ फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग देख सकते हैं। इस बीच, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता गिरिराज सिंह ने मांग उठाई है कि बिहार में भी इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया जाना चाहिए।
वैसे, एक रोज पहले यानी सोमवार (आठ मई, 2023) को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) शासित पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी ने इसे मनगढ़ंत कहानी करार देते हुए बैन कर दिया था। अफसरों के अनुसार, दीदी ने फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया था, ताकि ‘नफरत और हिंसा की किसी भी घटना’ को टाला जा सके। फिल्म का प्रदर्शन करने वाले किसी भी सिनेमाघर के खिलाफ वहां कार्रवाई की जाएगी। बनर्जी ने इससे पहले कहा था कि फिल्म में तथ्य तोड़-मरोड़ कर पेश किए गए हैं, जिसका इरादा केरल को बदनाम करना है।
वहीं, बीजेपी शासित एक और सूबे मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार इसे गत शनिवार को कर मुक्त कर चुकी है, जबकि बीजेपी ने दावा किया कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने फिल्म को राज्य में सुनियोजित तरीके से सिनेमाघरों से हटा दिया है। भाजपा की तमिलनाडु इकाई के उपाध्यक्ष नारायणन तिरुपति ने कहा कि अगर कट्टरपंथी ताकतों ने फिल्म प्रदर्शित करने के खिलाफ धमकी दी थी, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सिनेमाघरों से इस फिल्म को हटाना न सिर्फ कायराना है, बल्कि खतरनाक भी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच मई को इस फिल्म को आतंकी साजिशों को सामने लाने का श्रेय दिया था। उन्होंने कर्नाटक में एक चुनावी रैली में फिल्म का उल्लेख करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था। आपको बता दें कि इस फिल्म की कहानी महिलाओं के एक ऐसे कथित समूह के इर्द-गिर्द घूमती है, जिन्हें धर्म परिवर्तन के लिए और आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है। फिल्म को लेकर विवाद भी हुआ और एक धड़े ने इसे नफरत फैलाने का जरिया तक बताया गया।