दिल्ली के श्रद्धा वालकर हत्याकांड मामले में साकेत कोर्ट ने आरोपी आफताब पूनावाला के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने के आरोप कर कर दिया हैं। पिछली सुनवाई में 29 अप्रैल को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल पाहुजा ने संबंधित न्यायाधीश के अवकाश पर होने की वजह से पूनावाला के खिलाफ आरोप तय करने संबंधी आदेश को स्थगित कर दिया था। अदालत ने पीड़िता के पिता विकास वाल्कर की याचिका पर सुनवाई नौ मई तक के लिए स्थगित कर दी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि 18 मई 2022 को सुबह 6:30 बजे के बाद आपने श्रद्धा वॉल्कर की हत्या की। कोर्ट ने कहा कि 18 मई से 18 अक्टूबर के बीच साक्ष्य को मिटाने के इरादे से आपने उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उसके शरीर को जगह-जगह ठिकाने लगा दिया।
दिल्ली पुलिस ने दायर की थी 6000 पेज की चार्जशीट
आफताब पूनावाला पर दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत मामला दर्ज किया है। दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी को मामले में 6,629 पन्नों की चार्जशीट दायर की। दिल्ली पुलिस ने आफताब पर आरोप लगाया कि उसने पिछले साल 18 मई को वाकर का कथित रूप से गला घोंट दिया था। इसके बाद उसने उसके शरीर के टुकड़ों को महरौली स्थित अपने आवास पर करीब तीन सप्ताह तक फ्रिज में रखा। आफताब ने खुद को बचाने के लिए श्रद्धा के शव के टुकड़ों को दिल्ली में अलग-अलग ठिकानों पर फेंक दिया था।
जंगल से मिले थे शव के टुकड़े
दिल्ली पुलिस ने श्रद्धा वालकर की हत्या के मामले में आफताब पूनावाला को गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने छतरपुर और दूसरे इलाकों पर श्रद्धा के शव के टुकड़े बरामद किए थे। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उससे पूछा कि क्या आप खुद को दोषी मानते हैं या ट्रायल क्लेम करना चाहते हैं? इस पर आफताब के वकील ने कहा कि वह ट्रायल का दावा करते हैं। लाश के रूप में पुलिस को सिर्फ श्रद्धा की हड्डियां मिली थी जिनकी डीएनए रिपोर्ट श्रद्धा के पिता से मिलने पर उसकी मौत की पुष्टि हुई थी। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने घटना के 75 दिनों भीतर चार्जशीट दायर की थी। पुलिस ने आफताब का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट भी किया था। इस दौरान उससे कई तरह के सवाल पछे गए थे जिनके आधार पर आफताब को इस मामले में आरोपी बनाया गया है।