उत्तर भारत में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है। बढ़ती गर्मी के चलते बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। इन सबके बीच दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में कोयला संकट की भी खबरें सामने आ रही हैं। कोयले की कमी के चलते दिल्ली सहित 12 राज्यों में बिजली संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। कोयले की कमी को लेकर गहराते संकट के बीच, भारतीय रेलवे बड़ा कदम उठा रही है। इसी वजह से भारतीय रेलवे को पिछले कुछ हफ्तों में प्रतिदिन लगभग 16 मेल/एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनों को रद्द करने फैसला किया है। ताकि देश भर में स्थित बिजली संयंत्रों के लिए कोयला ले जाने वाली ट्रेनों को अतिरिक्त रास्ता दिया जा सके।
24 मई तक पैसेंजर ट्रेनों के 670 फेरे रद्द
बिजली की मांग में भारी वृद्धि के कारण कोयले की आवश्यकता बढ़ने की वजह से रेल मंत्रालय ने 24 मई तक यात्री ट्रेनों की करीब 670 फेरों को रद्द करना का नोटिफिकेशन जारी किया है। जारी अधिसूचना के अनुसार, 500 से अधिक लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें हैं। इसके साथ ही रेलवे ने कोयले की रेक (ट्रेन) की औसत दैनिक लोडिंग 400 से ज्यादा बढ़ा दी है। यह बीते 5 वर्षों में सबसे अधिक है।
ट्रेनों के रद्द होने पर यात्रियों ने किया विरोध
ट्रेनों को रद्द किए जाने का फैसला का यात्री विरोध प्रदर्शन भी रहे है। इस पर रेल मंत्रालय के अधिकारी ने बयान जारी कर कहा कि परिस्थिति बेहद कठिन है। हमारे पास कोई और विकल्प नहीं बचा है। फौरन बिजली संयंत्रों को कोयला नहीं पहुंचाया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है। उन्होंने कहा कि कोयले की कमी के कारा कोई बिजली संयंत्र ब्लैक आउट ना हो इसलिए यह कदम उठाया गया है।
रोजाना 415 कोयला ट्रेनें उपलब्ध कराएगी रेलवे
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर (भारतीय रेल) ने मौजूदा मांग को पूरा करने के लिए प्रत्येक दिन 415 कोयला रेक (ट्रेनें) उपलब्ध कराने की कोशिश में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि बिजली संयंत्रों में स्टॉक में सुधार और जुलाई-अगस्त में किसी भी संकट से बचने के लिए यह कवायद कम से कम दो महीने तक जारी रहेगी। इसके बाद भी यह इस पर विचार किया जाएगा।