कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। बता दें कि समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक गुलाम नबी आजाद ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने कहा है कि AICC चलाने वाली मंडली ने कांग्रेस को बर्बाद कर दिया। आजाद ने कहा कि कांग्रेस ने AICC के नेतृत्व में इच्छाशक्ति और अपनी क्षमता खो दी है।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि वे इस कदम को भारी मन से उठा रहे हैं। सोनिया गांधी के नाम पांच पेज के पत्र में आजाद ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ अपने आधे शताब्दी पुराने जुड़ाव को तोड़ने का फैसला किया है।” बता दें कि आजाद कांग्रेस के जी-23 के नेताओं में शामिल रहे थे। इस ग्रुप के सदस्यों ने पार्टी नेतृत्व में बदलाव को लेकर मांग उठाई थी।
क्या कहा आजाद ने:
सोनिया गांधी को लिखे पत्र में गुलाम नबी आजाद ने कहा, “पार्टी में संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया एक दिखावा है। देश में कहीं भी पार्टी संगठन के किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं हुए हैं। एआईसीसी के चुने हुए लेफ्टिनेंटों को 24 अकबर रोड में बैठे एआईसीसी चलाने वाली मंडली द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया।”
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के राजनीति में प्रवेश के बाद, खासकर 2013 में उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद पार्टी का परामर्शी तंत्र जो पहले मौजूद था, उसे ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “पार्टी के सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को दरकिनार कर दिया गया और अनुभवहीन चापलूसों के ग्रुप को पार्टी के मामलों को दखल मिलने लगी।”
बता दें कि गुलाम नबी आजाद काफी समय से पार्टी से नाराज चल रहे थे। जी-23 गुट के जरिए से वे कांग्रेस में लगातार कई अहम बदलाव की मांग करते रहे। गौरतलब है कि कांग्रेस को इस तरह का झटका पहली बार नहीं लगा है, इससे पहले कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी पार्टी से नाता तोड़ लिया था। बाद में समाजवादी पार्टी ने उन्हें समर्थन देकर राज्यसभा भी भेजा।
कई मौकों पर दिखा पार्टी से मतभेद:
आजाद और कांग्रेस के बीच कई मुद्दों को लेकर मतभेद सामने आते रहे थे। पार्टी में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर या फिर कुछ मुद्दों पर पार्टी के स्टैंड पर भी अपने बयानों से वो अलग खड़े नजर आए थे। वहीं सोनिया गांधी ने उन्हें जम्मू कश्मीर में पार्टी की तरफ से चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया था। हालांकि पद दिए जाने के कुछ घंटों बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही उन्हें लेकर राजनीतिक गलियारों में तमाम कयास लगाए जा रहे थे।
पीएम मोदी ने की थी तारीफ, केंद्र ने दिया पद्म भूषण सम्मान:
कांग्रेस से आजाद का मनमुटाव और बीजेपी के साथ उनकी बढ़ती नजदीकियां भी चर्चा में रही हैं। वहीं फरवरी 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई के दौरान उनकी जमकर तारीफ की थी। पीएम मोदी ने आजाद के साथ अपनी दोस्ती का जिक्र करते हुए कश्मीर में हुई आतंकी घटना की कहानी भी सुनाई थी। बता दें कि इसी साल मार्च में केंद्र सरकार ने गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया है।