संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू होगा और 31 अगस्त तक चलेगा। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार (1 जुलाई, 2023) को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
जोशी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘संसद का मानसून सत्र, 20 जुलाई से शुरू होगा और 11 अगस्त तक चलेगा। उन्होंने आगे लिखा कि 23 दिन तक चलने वाले इस सत्र में कुल 17 बैठकें होंगी। मैं सभी पार्टियों से सत्र के दौरान संसद के विधायी और अन्य काम-काज में रचनात्मक योगदान देने की अपील करता हूं।’
सूत्रों ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को बताया कि हालांकि इसकी शुरुआत पुराने संसद भवन में हो सकती है, लेकिन बीच में इसके नए संसद भवन में स्थानांतरित होने की संभावना है। एक बार ऐसा हो जाने पर, यह नई संसद के उद्घाटन के बाद से आयोजित होने वाला पहला सत्र होगा। बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी ने 28 मई को नई संसद का उद्घाटन किया था।
सत्र के हंगामेदार रहने के आसार
माना यही भी जा रहा है कि केंद्र सरकार इस सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड पेश कर सकती है। समान नागरिक संहिता कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा सकता है। वहीं मॉनसून सत्र में कई और बिल पारित होने की संभावना है। इनमें राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, दिवाला और दिवालियापन संहिता संशोधन बिल पेश हो सकते हैं।
इस बार के मॉनसून सत्र के काफी हंगामादार होने की आशंका है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार केंद्र के अध्यादेश का पुरजोर विरोध कर सकती है। कई दल इसके सपोर्ट में अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं। वहीं केजरीवाल सरकार केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। इसके बाद जो सबसे बड़ा हंगामा होने की उम्मीद है वो हैं यूनिफॉर्म सिविल कोड। क्योंकि समान नागरिक संहिता को लेकर कई दल अपना पहले ही विरोध दर्ज करा चुके हैं।
तीन जुलाई को बैठक
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर सांसदों की राय जानने के लिए संसदीय स्थायी समिति की तीन जुलाई को बैठक बुलाई गई है। इस मुद्दे पर विधि आयोग, कानूनी मामलों के विभाग और विधायी विभाग के प्रतिनिधियों को बुलाया है। विधि आयोग द्वारा यूसीसी पर आम लोगों से सुझाव मांगने के मुद्दे पर इन तीनों विभागों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है।
UCC पर क्या बोले थे पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने मंगलवार को भोपाल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के मुसलमानों को यह समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़का रहे हैं। आजकल UCC के नाम पर भड़का रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? ये लोग हम पर आरोप लगाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ये अगर मुसलमानों के सही हितैषी होते तो मुसलमान पीछे नहीं रहते। सुप्रीम कोर्ट बार-बार कह रहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लाओ लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग ऐसा नहीं करना चाहते।