केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों का विभाग संभाल रहे थे। वे राज्यसभा के सदस्य हैं और उनका कार्यकाल गुरुवार को समाप्त होने जा रहा है। नकवी को भाजपा ने इस बार राज्यसभा नहीं भेजा है। वहीं, उनके इस्तीफे के पीछे वजह नहीं मालूम हो पाई है लेकिन सियासी गलियारे में अटकलें तेज हैं कि उनको उपराष्ट्रपति बनाया जा सकता है।
वर्तमान मोदी सरकार में मुख्तार अब्बास नकवी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ही ऐसे दो मंत्री रहे हैं, जो अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे थे।रिपोर्ट्स के मुताबिक, सत्तारूढ़ भाजपा दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद (उपराष्ट्रपति) के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के एक प्रतिनिधि पर लगतार मंथन करती रही है। ये सब ऐसे समय में हो रहा है, जब भाजपा को निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद की टिप्पणियों के कारण तीखी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। वहीं, उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 19 जुलाई है। उपराष्ट्रपति पद के लिए 6 अगस्त को चुनाव होंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, पूर्व केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी इस दौड़ में शामिल हैं। वहीं, मुख्तार अब्बास नकवी के इस्तीफे के बाद इस बात को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है कि पार्टी उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उपयुक्त मुस्लिम चेहरे के तौर पर देख रही है।
एक बैठक में पीएम मोदी ने मंत्री के रूप में देश और लोगों के लिए उनके योगदान के लिए मुख्तार अब्बास नकवी की सराहना की। पीएम ने नकवी के साथ रामचंद्र प्रसाद सिंह की भी जमकर तारीफ की। दो सांसदों का कार्यकाल कल खत्म होने वाला है और पीएम मोदी की तारीफ को इस बात के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है कि यह उनकी आखिरी कैबिनेट बैठक थी। वहीं, बैठक के तुरंत बाद मुख्तार अब्बास नकवी ने पार्टी मुख्यालय में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।