मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। सोमवार को एक बार फिर केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के इंफाल आवास के बाहर उग्र महिलाओं की एक रैली ने पत्थराबाजी की। दो महीने में यह दूसरी बार है जब केंद्रीय मंत्री के आवास पर हमला हुआ है। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि राज्य की स्थिति को लेकर मंत्री संसद में कुछ बोलें।
मणिपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी राज्य में शांति बहाली की मांग को लेकर दिन में रैली निकाली। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, क्योंकि प्रदर्शनकारी छात्र उस क्षेत्र को पार कर गए, जहां तक उन्हें रैली आयोजित करने की अनुमति दी गई थी।
हालांकि, हमले के वक्त घर पर कोई मौजूद नहीं था और ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। इंफाल शहर के कोंगबा इलाके में घर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया है। प्रदर्शनकारी राज्य में इंटरनेट बहाली की भी मांग रहे थे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि मंत्री राज्य की स्थिति के बारे में संसद में बोलें। राज्य में इंटरनेट सेवा को बहाल किया जाए। हम लोगों को बताना चाहते हैं कि हमारे साथ क्या हो रहा है।’
अधिकारियों ने 3 मई को पहली बार पूर्वोत्तर राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया, जब जातीय समुदायों के बीच झड़पें शुरू हुईं थीं। इसे शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है।
इससे पहले 16 जून को उग्र भीड़ ने केंद्रीय मंत्री के घर पर आग लगा दी थी। हालांकि, उस वक्त केंद्रीय मंत्री अपने घर पर मौजूद नहीं थी। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों को आंसू गैल के गोले छोड़ने पड़े थे। आरके रंजन सिंह ने तब कहा था, ‘मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूं। शुक्र है कि मेरे इंफाल स्थित घर पर कल रात कोई घायल नहीं हुआ।
उपद्रवी पेट्रोल बम लेकर आए और मेरे घर में आग लगा दी।’ पूर्वोत्तर राज्य में शांति की अपील करते हुए उन्होंने कहा था कि मेरे गृह राज्य में जो हो रहा है, उसे देखकर बहुत दुख हो रहा है। मैं अब भी शांति की अपील करता रहूंगा। इस तरह की हिंसा करने वाले बिल्कुल अमानवीय है।