विदेश – बीते अगस्त में अफगानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी के बाद पहली बार अमरीका और तालिबान आमने-सामने आए हैं। कतर की राजधानी दोहा में अमरीकी अधिकारियों और तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों की मुलाकात हुई है। इस बैठक के बाद अमरीका का कहना है कि वे तालिबानी सरकार को मान्यता दिए बिना अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने के लिए तैयार है।
अमरीका का यह भी कहना है कि अब तालिबान को उसके बयानों से नहीं बल्कि, उसके काम से आंका जाएगा।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि अमरीकी प्रतिनिधिमंडल ने दोहा वार्ता के दौरान तालिबान प्रतिनिधियों से मुलाकात की और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर चर्चा की। इनमें आतंकवाद, सुरक्षा, विदेशी नागरिकों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे। इसके अलावा लड़कियों और महिलाओं के मुद्दों पर भी दोनों देशों ने बात की।
हालांकि, तालिबान के भी इस वार्ता के दौरान तेवर तीखे थे। कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी ने अमरीका को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वो अफगानिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश नहीं करें।
दोहा में हुई बातचीत के बाद अमीर खान ने कहा कि हमने उन्हें साफ तौर पर कह दिया है कि अफगानिस्तान में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश भी मत करना वर्ना ये किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा।
अमीर खान ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ अच्छे संबंध होना हर किसी के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर अफगानिस्तान में मौजूदा सरकार को कमजोर बनाने के लिए किसी भी तरह की साजिश रची जाती है तो ये बाकी दुनिया के लिए भी समस्या पैदा कर सकता है. इसके अलावा तालिबान ने अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक के भंडार पर लगे प्रतिबंध को हटाने को कहा है।