बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने झारखंड में चल रहे भाषा विवाद पर कहा है कि जो मगही-भोजपुरी अंगिका का विरोध करेगा वह उसका विरोध करेंगे. चारा घोटाला मामले में हाजिरी लगाने रांची पहुंचे लालू प्रसाद ने कहा कि भोजपुरी समाज किसी से डरता नहीं है. जो मंत्री इसका विरोध कर रहे हैं, उनका विरोध गलत है. हम उनका विरोध करेंगे. लालू प्रसाद के खुले आम भाषा मामले में समर्थन में आ जाने के बाद इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है.
लालू प्रसाद की पार्टी झारखंड में कांग्रेस के साथ हेमत सोरेन की सरकार में शामिल है. रांची पहुंचने पर लालू प्रसाद ने इस मामले में पार्टी के झारखंड के नेताओं से इस फीडबैक लिया. इसके बाद जब उनसे मीडिया ने इस बावत सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जो मंत्री इसका विरोध कर रहे हैं, उनका विरोध गलत है. उन्होंने कहा कि यहां भोजपुरी, मगही का विरोध करने वालों का हम विरोध करेंगे.
मंत्री जगरनाथ महतो कर रहे हैं विरोध
दरअसल झारखंड सरकार के मंत्री जगरनाथ महतो धनबाद और बोकारो की स्थानीय भाषा में भोजपुरी-मगही को शामिल करने का खुलकर विरोध कर रहे हैं. जगरनाथ महतो ने 10 फरवरी को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में भी अपने रुख से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत कराया था. इसके बाद राज्य में एकबार फिर भाषा विवाद गरमा गया है.
सीएम सोरेन से भी बातचीत करेंगे लालू यादव
इधर लालू प्रसाद के बयान के बाद आरजेडी नेताओं ने कहा कि लालू प्रसाद इस मामले में काफी गंभीर हैं और वे इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी बातचीत करेंगे. इसके साथ ही लालू प्रसाद ने राज्य के वरिष्ठ नेताओं के साथ राज्य कमेटी के गठन को भी लेकर विचार-विमर्श किया है. यहां आरजेडी की प्रदेश कमेटी दो महीने पहले ही भंग हुई है जिसके बाद नई कमेटी का जल्द ही ऐलान किया जाएगा.
मुख्यमंत्री की बयान के बाद भी हुआ था बवाल
इससे पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी भोजपुरी पर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि इन दोनों भाषाओं को बोलने वाले डोमिनेटिंग लोग हैं. हे ‘भोजपुरी और मगही बिहार की भाषा है, झारखंड की नहीं. झारखंड का बिहारीकरण क्यों किया जाए? महिलाओं की इज्जत लूटकर भोजपुरी भाषा में गाली दी जाती है. आदिवासी और क्षेत्रीय भाषाओं के दम पर जंग लड़ी गई थी, भोजपुरी और मगही भाषा की बदौलत नहीं. झारखंड आंदोलन क्षेत्रीय भाषा के दम पर लड़ी गई थी