भारत को 15 एंटीक मूर्तियां वापस करेगा न्यूयार्क का म्यूजियम, करीब 10 करोड़ रुपये है कीमत, जानिए किसने की थी तस्करी

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जांच के करीब 15 दिन बाद न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट ने भारत की 15 एंटीक मूर्तियों को लौटाने का फैसला सुनाया है। यह मूर्तियां अभी न्यूयॉर्क स्थित मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट (Met) में हैं। न्यूयॉर्क सुप्रीम कोर्ट ने संग्रहालय के खिलाफ एक सर्च वारंट जारी किया है। इसके बाद संग्रहालय ने तुरंत घोषणा की कि वह भारत को 15 मूर्तियां लौटाएगा।

सर्च वारंट में सूचीबद्ध 15 वस्तुओं में से 10 को द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में फ़्लैग किया गया था। 15 में मध्य प्रदेश की 11वीं शताब्दी की बलुआ पत्थर की Celestial Dancer (अप्सरा) है, जिसकी कीमत 1 मिलियन डॉलर से अधिक है। साथ ही इस सूची में पश्चिम बंगाल की पहली शताब्दी ईसा पूर्व का यक्षी टेराकोटा भी शामिल हैं।

म्यूज़ियम का क्या कहना है?

न्यायिक रिकॉर्ड बताते हैं कि 22 मार्च को न्यूयॉर्क के सुप्रीम कोर्ट ने मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट (Met) के खिलाफ एक सर्च वारंट जारी किया। मेनिन ने न्यूयॉर्क पुलिस विभाग या डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के किसी भी एजेंट को पुरावशेषों को जब्त करने और उन्हें “बिना अनावश्यक देरी के अदालत के सामने लाने” के लिए 10 दिन का समय दिया है।

30 मार्च को मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट (Met) ने एक बयान जारी किया, “यह जानने के बाद की मूर्तियों को भारत से अवैध रूप से लाया गया है, उन्हें भारत सरकार को वापस किया जाएगा। इन सभी आर्ट्स को एक समय पर सुभाष कपूर ने बेचा था, जो वर्तमान में भारत के जेल में सजा काट रहा है।” बता दें कि कुख्यात सुभाष कपूर 77 भारतीय एंटीक्स की तस्करी से जुड़ा हुआ है। वह फिलहाल तमिलनाडु की जेल में बंद है।

सर्च वारंट में सूचीबद्ध 15 भारतीय पुरावशेषों का मूल्य 1.201 मिलियन डॉलर (लगभग 9.87 करोड़ रुपये) आंका गया है। सर्च वारंट में कहा गया है कि ये सामान चोरी हो गया था और चोरी की संपत्ति पर कब्जा करने जैसे अपराधों का सबूत बनता है। यह अमेरिकी दंड कानून के तहत अपराध है।

जांच में क्या पाया था?

इस साल 14 मार्च और 15 मार्च को प्रकाशित इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) और यूके स्थित फाइनेंस अनकवर्ड के सहयोग से की गई एक जांच से पता चला था कि मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ आर्ट (Met) के कैटलॉग में कम से कम ऐसे 77 एंटीक आइटम हैं, जिनका लिंक सुभाष कपूर है। उन 77 में से 59 पेंटिंग है। कपूर पुरावशेषों की तस्करी के मामले में तमिलनाडु के त्रिची सेंट्रल जेल में 10 साल की जेल की सजा काट रहा है।

कब पकड़ा गया था सुभाष कपूर?

सुभाष कपूर को 30 अक्टूबर, 2011 को फ्रैंकफर्ट में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद जुलाई 2012 में उसे भारत में प्रत्यर्पित किया गया था। 1 नवंबर, 2022 को तमिलनाडु के कुंभकोणम की एक अदालत ने कांचीपुरम के वरदराज पेरुमल मंदिर में सेंधमारी और मूर्तियों के अवैध निर्यात के आरोप में कपूर को 10 साल की जेल की सजा सुनाई थी। वह वर्तमान में त्रिची जेल में अपनी सजा काट रहा है।

कपूर पर अमेरिका के साथ-साथ एशिया से मूर्तियों और कलाकृतियों की तस्करी के आरोप हैं। जुलाई 2019 में होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन (HSI) द्वारा न्यूयॉर्क की एक अदालत में दायर एक शिकायत में कहा गया था, “कपूर द्वारा तस्करी की गई चोरी की गई प्राचीन वस्तुओं का कुल मूल्य $145.71 मिलियन से अधिक है।”

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