बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बीजेपी में वापसी के सवाल पर बीजेपी सांसद और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सोमवार को बड़ा बयान दिया। सुशील मोदी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुरुआत में ही साफ कर दिया कि हम किसी भी कीमत पर नीतीश कुमार को स्वीकार नहीं करेंगे।भले ही नीतीश कुमार बीजेपी की चौखट पर नाक रगड़ें। हम उन्हें स्वीकार नहीं करेंगे। बीजेपी अब उनका बोझ नहीं उठा सकती है।
वहीं विपक्षी एकता की कवायद के बीच बिहार में अब तक जेडीयू में टूट होती रही है। करीब दर्जन भर नेता जेडीयू छोड़ कर जा चुके हैं। इस बीच विपक्षी एकता को सबसे बड़ा झटका महाराष्ट्र में लगा है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी तोड़ दी है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें डिप्टी सीएम भी बना गया है। अजित पवार ने दावा किया है कि एनसीपी के 40 विधायक उनके साथ हैं।
बता दें, पटना में 23 जून को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मेजबानी में विपक्षी दलों के बीच बैठक हुई थी। जिसमें 15 विपक्षी पार्टियों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक का उद्देश्य नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार के खिलाफ लोकसभा चुनाव से पहले दमदार विपक्ष तैयार करना था।
साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी के लिए विपक्ष के कद्दावर नेताओं का एक मंच पर आना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। इस बैठक में नीतीश कुमार और लालू यादव के अलावा मल्लिकार्जुन खरगे, हेमंत सोरेन, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और उद्धव ठाकरे जैसे कई कद्दावर नेताओं शामिल हुए थे।
बैठक के बाद नेताओं के सकारात्मक बयान से ये भी साफ समझा जा सकता है कि नीतीश कुमार ने जिस विपक्षी एकता के मिशन का बीड़ा उठाया था वह 100 फीसदी कामयाब रहा। बैठक में सभी विपक्षी दलों ने ‘बीजेपी हटाओ’ मुहिम को गंभीरता से लिया। ऐसा लगता है कि इस बैठक के बाद विपक्षी दलों के बीच यह स्पष्टता आ चुकी है कि साल 2024 में बीजेपी के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने में ही समझदारी है।
बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होगी विपक्ष की दूसरी बैठक
वहीं अब विपक्ष की दूसरी बैठक 17 और 18 जुलाई, 2023 को बेंगलुरु में होगी। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पटना में बेहद सफल सर्व-विपक्ष बैठक के बाद, हम 17 और 18 जुलाई, 2023 को बेंगलुरु में अगली बैठक करेंगे। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि हम फासीवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों को हराने और देश को आगे ले जाने के लिए एक साहसिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के अपने अटूट संकल्प पर कायम हैं।