नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को फिर से समन भेजा गया है। अब उनसे इस मामले में 21 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ करेगा। बता दें कि राहुल गांधी से पहले ही ईडी पूछताछ कर चुकी है, जिसे लेकर पिछले दिनों कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक ने विरोध प्रदर्शन किया था।
बता दें कि इससे पहले सोनिया गांधी से 8 जून को पूछताछ होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमित हो जाने की वजह से उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा था। इसके लिए उन्होंने ईडी से 4 हफ्ते का समय लिया था।
कांग्रेस नेता को 1 जून की शाम को हल्का बुखार हुआ था, जिसके बाद टेस्ट में पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव हैं। ईडी ने 1 जून को सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहली बार 8 जून को अपने जांचकर्ताओं के सामने पेश होने के लिए तलब किया था। ईडी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बयान दर्ज करना चाहती है।
प्रदर्शन निदेशालय जानना चाहता है कि नेशलन हेराल्ड मामले में क्या-क्या गड़बड़ियां हुईं और उसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार है। गौरतलब है कि यह मामला बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी सामने लेकर आए था जिन्होंने गांधी परिवार पर पार्टी के धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र जवाहरलाल नेहरू और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने साल 1938 में स्थापित किया था।
इसे मूल रूप से एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) द्वारा प्रकाशित किया गया था। साल 2008 में इसे चलाया नहीं जा सका और फिर यह बंद हो गया था। इसके बाद 2010 में नेशनल हेराल्ड को यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएल) ने टेक ओवर कर लिया था। इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 38-38 फीसद शेयर हैं।
सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2012 में कांग्रेस नेताओं पर वाईआईएल (YIL) द्वारा एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी और अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज कराई थी। दरअसल, आयकर अधिनियम के तहत कोई भी राजनीतिक संगठन किसी तीसरे पक्ष के साथ वित्तीय लेनदेन नहीं कर सकती है।