पिछले साल महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा फेरबदल हुआ था। शिवसेना में एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद पार्टी दो फाड़ हो गया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को दे दिया था। अब इसी मामले को लेकर उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। उद्धव ठाकरे की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी हो गया है।
31 जुलाई को होगी सुनवाई
पार्टी में दो फाड़ होने के बाद चुनाव आयोग ने पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे को दे दिया था। इसके खिलाफ उद्धव ठाकरे ने आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव आयोग के फैसले को रद्द करने की मांग की है। अब सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी हो गया है। CJI डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि SC 31 जुलाई को इस मामले पर सुनवाई करेगा।
पार्टी में टूट के बाद एकनाथ शिंदे को मिला था नाम और चिन्ह
एकनाथ शिंदे के शिवसेना से अलग हो जाने के बाद चुनाव आयोग ने 17 फरवरी को उद्धव ठाकरे गुट को बड़ा झटका देते हुए शिवसेना का नाम और सिंबल शिंदे गुट को दे दिया था। इसको लेकर उद्धव ठाकरे ने कड़ा एतराज जताया था, लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी थी।
एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद गिरी उद्धव सरकार
बता दें कि पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी। फिर एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। तभी से दोनों गुट शिवसेना के नाम और सिंबल पर अपना-अपना दावा कर रहे थे। ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। ठाकरे गुट ने खुद के असली शिवसेना होने का दावा किया है।
हालांकि, शिंदे गुट ने कहा था कि उन्हें शिवसेना के ज्यादातर विधायकों का समर्थन प्राप्त है और वे ही असली शिवसेना हैं। इसी बीच 17 फरवरी को चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना करार दिया था।