केंद्र सरकार ने वी अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया है. दिसंबर 2021 में केवी सुब्रमण्यम का कार्यकाल खत्म होने के बाद से ये पद खाली पड़ा हुआ था. उसके बाद से अब तक इस पद पर किसी की भी नियुक्ति नहीं की गई थी. ऐसे में वी अनंत नागेश्वरन को बड़ी जिम्मेदारी संभालनी होगी. भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. कोरोना महामारी के बाद भी भारत की आर्थिक स्थिति कमजोर नहीं पड़ी है. हालांकि इस समय भारत के सामने बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा बनकर उभर रहा है. ऐसे में भारत सरकार पर इससे उबरने का भारी दबाव है. ऐसे समय में नए मुख्य आर्थिक सलाहकार से उम्मीद की जाएगी कि वे निवेश को पुनर्जीवित करते हुए और बजट अंतर को कम करते हुए उच्च विकास के लिए एक नुस्खा प्रदान करेंगे.
डॉ वी अनंत नागेश्वरन आंध्र प्रदेश में क्रिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर हैं. उन्हें आर्थिक मामलों का काफी ज्यादा अनुभव रहा है. डॉ नागेश्वरन 1985 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अहमदाबाद से एमबीए की पढ़ाई की थी. उन्हें विनियम दरों के अनुभवजन्य व्यवहार पर बेहतर काम करने के लिए मैसाचुसेट्स एमहर्स्ट विश्वविद्यालय से वित्त में डॉक्टरेट की उपाधि दी गई है.
डॉ वी अनंत नागेश्वरन ने सिंगापुर स्थित बैंक जूलियस बेयर एंड कंपनी के वैश्विक मुख्य निवेश अधिकारी के तौर पर काम किया है. डॉ वी अनंत नागेश्वरन अक्टूबर 2018 से दिसंबर 2019 तक आईएफएमआर ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के डीन रह चुके हैं. इसके बाद साल 2021 तक उन्हें प्रधानमंत्री के इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल का पार्ट-टाइम सदस्य नियुक्त किया जा चुका है.