प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान के नए कन्वेंशन सेंटर में ‘Viksit Bharat @2047: Role of Team India’ विषय पर नीति आयोग की आठवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। नीति आयोग के अध्यक्ष के तौर पर पीएम मोदी बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। पीएम मोदी 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
नीति आयोग ने बयान में कहा, “दिन भर चलने वाली बैठक के दौरान आठ प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी। इसमें विकसित भारत @2047, MSME पर जोर, बुनियादी ढांचा और निवेश, अनुपालन को कम करना, महिला अधिकारिता, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास और क्षेत्र के विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति पर चर्चा शामिल है।
वैसे तो NITI Aayog की ओर से कहा गया है कि बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों/उपराज्यपालों, पदेन सदस्यों के रूप में केंद्रीय मंत्रियों और नीति आयोग के उपाध्यक्ष और सदस्यों की भागीदारी हो रही है। लेकिन 8 विपक्षी दलों के सीएम इसमें हिस्सा नहीं ले रहे हैं। 6 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया है जबकि दो राज्यों के मुख्यमंत्री (राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और केरल के सीएम पिनाराई विजयन) बैठक में व्यस्तता के कारण शामिल नहीं हुए। जबकि बैठक का बहिष्कार करने वाले मुख्यमंत्रियों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तमिल नाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन शामिल हैं।
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वहीं इस बैठक में कांग्रेस शासित 4 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया शामिल हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने पीएम मोदी को चिट्ठी भी लिखी है। इसमें उन्होंने बताया कि वो क्यों बैठक का बहिष्कार कर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा, “अगर प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानते तो लोग न्याय के लिए कहां जाएं?प्रधानमंत्री गैर बीजेपी सरकारों के काम करने दें। जब सहकारी संघवाद एक मजाक है तो नीति आयोग की बैठक में भाग लेने का क्या मतलब है?”
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले तो बैठक में शामिल होने की इच्छा जताई थी, लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने कदम पीछे खींच लिए। अब वह भी बैठक में शामिल नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि ममता बनर्जी ने राज्य के वित्त मंत्री और मुख्य सचिव को बैठक में शामिल होने के लिए केंद्र को पत्र लिखा था, लेकिन केंद्र ने उनके अनुरोध को मना कर दिया। यानी कि अब इस बैठक में पश्चिम बंगाल का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं रहेगा।