भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत को पहली बार विश्व कप जिताने वाले खिलाड़ी कपिल देव ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी से एक गुहार लगाई है। उन्होंने आज कल बढ़ रही T20 प्रतिस्पर्धा के विकास के बीच में आईसीसी से वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट और टेस्ट क्रिकेट के प्रारूपों की रक्षा करने के लिए कदम उठाने को कहा है। बता दें कि हाल में ही आईसीसी ने बीसीसीआई को आईपीएल कराने के लिए ढाई महीने की स्पेशल विंडो दी है। इस विंडो के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत कम ही द्विपक्षीय सीरीज देखने को मिलेंगी। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को भी अपनी घरेलू T20 प्रतियोगिताओं के लिए अलग से समय मिलने की उम्मीद है
आपको बता दें कि कपिल देव का यह बयान टेस्ट और वनडे क्रिकेट को लेकर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बता दें कि आज के समय में हर देशों की अपनी T20 लीग हो गई है जिससे कि वनडे और टेस्ट क्रिकेट बहुत कम देखने को मिलता है। नई T20 लीग की वजह से क्रिकेट का शेड्यूल काफी बिजी हो गया है और इस वजह से खिलाड़ी भी कोई ना कोई फॉर्मेट छोड़ने का विकल्प ढूंढ रहे हैं। हाल में ही इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने वनडे क्रिकेट छोड़ दिया था।
वहीं पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव का मानना है कि जिस तरीके से T20 क्रिकेट विश्व में बढ़ रहा है उस हिसाब से वनडे और टेस्ट क्रिकेट क्रिकेट पर भविष्य में खतरा मंडरा सकता है। इसके लिए आईसीसी को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। कपिल देव ने सोमवार को सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि ‘क्रिकेट आज, यूरोप में फुटबॉल की तरह चल रहा है। वह हर एक देश के खिलाफ नहीं खेलते, लेकिन 4 साल में एक बार विश्वकप जरूर होता है।’
इसके अलावा कपिल देव ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया क्या हम विश्वकप और बाकी समय फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने वाले हैं। क्या देश के और विश्व के बेस्ट क्रिकेटर सिर्फ फ्रेंचाइजी क्रिकेट में खेलेंगे? इस हिसाब से तो टेस्ट और वनडे क्रिकेट का रोमांच ही खत्म हो जाएगा। यहां पर आईसीसी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी और उन्हें देखना चाहिए कि वह कैसे वनडे और टेस्ट क्रिकेट के अस्तित्व को सुरक्षित कर सकते हैं।