आज गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द देश को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, “73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, देश और विदेश में रहने वाले आप सभी भारत के लोगों को मेरी हार्दिक बधाई! हम सबको एक सूत्र में बांधने वाली भारतीयता के गौरव का यह उत्सव है।”
गणतंत्र दिवस का यह दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया तथा उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘स्वाधीनता के लिए नेताजी की ललक सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत’
राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने देश को संबोधित करते हुए कहा, “दो दिन पहले, 23 जनवरी को हम सभी देशवासियों ने ‘जय-हिन्द’ का उद्घोष करने वाले नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जयंती पर उनका पुण्य स्मरण किया है। स्वाधीनता के लिए उनकी ललक और भारत को गौरवशाली बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।
राष्ट्रपति ने कहा – डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स ने अपनी जान को खतरे में डालकर की मानवता की सेवा
73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, “मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव होता है कि हमने कोरोना-वायरस के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य-क्षमता का प्रदर्शन किया है।”
कोरोना महामारी के दौरान जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई उसपर राष्ट्रपति ने शोक व्यक्त किया। इसके बाद कोविड महामारी से सतर्क रहने की सलाह देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि “कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई में वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा बताई गई सावधानियों का पालन करना आज हर देशवासी का राष्ट्र-धर्म बन गया है। यह राष्ट्र-धर्म हमें तब तक निभाना ही है, जब तक यह संकट दूर नहीं हो जाता।”
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद महामारी के दौरान लोगों की जान बचाने वाले सभी डॉक्टरों और सुरक्षाकर्मियों के साथ ही उन सभी को मानवता का मिसाल बताया जिन्होंने इस अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, “कठिन परिस्थितियों में लंबे समय तक काम करके, यहां तक कि मरीजों की देखभाल के लिए अपनी जान जोखिम में डाल कर भी डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिक्स ने मानवता की सेवा की है।”